Vidarbh24News

Latest Online Breaking News

शिक्षण सम्राट श्री.पांडुरंग आंबटकरजी यांच्या वाढदिवसानिमित्त विशेष शुभेच्छा लेख……..

वणी- (5 .डिसें. ) – कौन कहता है कि, आसमान में सुराख नही होता,एक पत्थर तो,तबियत से उछालो यारो,ऐसे ही जज़्बेमे तर होकर ,आसमान में पत्थर उछालने वाले शख्सियत का नाम है , श्री.पांडुरंगजी आंबटकर !

“Nothing is impossible ” का नारा लेकर “Everything is possible  ” बताने वाले श्री.पांडुरंगजी आंबटकर जिन्हें आज लोग शिक्षण महर्षि के नाम से जाने जाते है।

          ▪️ श्री पांडुरंग (सोमय्या ) / सोमाजी आंबटकरजी का जन्म सन- 12 डिसें 1960 को चंद्रपुर के एक मजूर गरीबवर्ग परिवार में हुआ था ! आर्थिक परिस्थिति खराब होने की वजह से पांडुरंग जी को 12 वीं कक्षा से ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी ! उनके परिवार में छह बहने और 2 भाई है ।  माँ – पिताजी साधे किस्म का व्यक्तिमत्व था । पिताजी के देहांत से पहले 4 बेटियों के शादी की ,और वे स्वर्ग में विराजमान हुवे ! अब घर की जिम्मेदारी पूरी इन दो भाइयों के कंधे पर पड़ गयी । ऐसे दौर में भी पांडुरंगजी ने अपने परिवार की जिम्मेदारी बड़ी खूब तरह से निभाई ! दोनों भाईने मिलकर दो बहनों की शादी उस काल मे भी बड़ी धूमधाम में कि, और उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ विदाई की । उसके कुछ काल पश्चात दोनों भाइयों की ( पांडुरंग आंबटकरजी और उनके भाई ने ) एकही दिन एव एकही मंडप में शादी करने  का निर्णय लिया ! एक दौर उनके जिंदगी का ऐसा भी था कि, 1.) उन्हें wcl माजरी में एक दिन की नौकरी की , 2. ) बल्लारपुर पेपरमिल में सेलेक्शन भी हुवा उस जगह भी उन्होंने केवल 1 दिन ही काम किया । 3.) M.S.E.B आफिस में भी उन्हें एक अच्छा सुवर्ण समय आया  वहां भी उन्होंने रुचि नही दिखाई !  मा और पापा के डांटने के बाद 4. ) M.E.L  स्टील प्लान्ट में उन्हें पापा के जोर जबरन के वजह से 1 १/२ साल तक पांडुरंगजी को नौकरी करनी पड़ी ! 5) और अंत मे पांडुरंग आंबटकरजी को एयरफोर्स में चयन के लिये इंटरव्यूव  कॉल आया  फिर भी वो जाना भी नही  चाहतें थे ।  क्योंकि , श्री पांडुरंगजी आंबटकर का मन  धंधा (business) करने में ज्यादा लगता था । उनका कहना यही था ,”कि मुझे नौकरी नहीं करना है “बल्कि खुद का धंधा शुरू करना है!उन्होंने मात्र 1500 मां से लिए और एक किराणा दुकान शुरू कर डाली ! किराणा दुकान के बाद उन्होंने भवानी इंटरप्राइजेस और भवानी नाम से प्लॉट का धंधा शुरू किया ! श्री पांडुरंग आंबटकरजी उनकी बड़ी सुपुत्री प्रांजली आंबटकर “विद्या विहार कॉनव्हेट में जब पढ़ने जाया करती थी ।

तो वहां के मालक रेड्डी  सर से श्री पांडुरंगजी  आंबटकर की बहुत अच्छी दोस्ती थी  । रेड्डी सर अक्सर पांडुरंगजी आंबटकर इन से कई सारी सलाह लिया करते थे कि, किस तरह से स्कूल चलाना चाहिए ? जब रेड्डी पांडुरंग सर को सलाह दिया करते थे। तो उनके मन में भी ऐसा विचार आया कि , क्यों ना मैं भी खुद का एक स्कूल खोला जाए जिससे कि, मैं भी कुछ  शैक्षणिक क्षेत्र में अपना योगदान दे सकूं!फिर उन्होंने *पैरामाउंट कॉन्वेंट* नाम से पहला *स्टेट बोर्ड स्कूल* चंद्रपुर बाबूपेठ में शुरू किया! पैरामाउंट कॉन्वेंट के बाद उन्होंने *पहला सीबीएसई स्कूल माइक्रोन स्टूडेंट्स अकेडमी ,वडगांव चंद्रपुर* में शुरू किया ,फिर इसके बाद उन्होंने *वणी* शहर में भी बहोत बड़ी इमारत वाली एयर सबसे दर्जेदार *माइक्रोन स्टूडेंट्स अकादमी* नाम से एक सीबीएसई स्कूल शुरू कि,ताकि वणी शहर के बच्चों को काफी आसानी से सी.बी.एस .ई का अच्छा एजुकेशन ले सके । इसके बाद उन्होंने *चंद्रपुर में सोमय्या पॉलिटेक्निक* के नाम से एक *डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कॉलेज* शुरू किया । फिर इसके बाद उन्होंने *सोमय्या कैरियर इंस्टिट्यूट नाम से 11वीं 12वीं का कॉलेज शुरू किया* !

 

पांडुरंगजी को धंदा (business )  करते समय   जीवन मे  सन 2000,2012 और 2014 में बहोत से कठिनाईयां भी आइ ।  मगर ये जीगरबाज इंसान कभी  किसी की शिकायत न करते हुवे आगे और आगे बढ़ता चला ….. बढ़ता चला … कारवा आगे बढ़ाया एयर एक कदम तांत्रिकी क्षेत्र में बढ़ाई ।आईटीआई कॉलेज इसकी बहुत ज्यादा मांग होने पर श्री. पांडुरंगजी आंबटकर ने *महाराष्ट्र शिक्षण प्रसारक मंडल के अंतर्गत* *कई सारे आईटीआई* के कॉलेजेस शुरू किए  । जिसमें , *सोमय्या प्राइवेट आईटीआई ,पैरामाउंट प्राइवेट आईटीआई ,मां भवानी प्राइवेट आईटीआई और मैक्रोन प्राइवेट आईटीआई* इस नाम से कई सारे उनके आईटीआई कॉलेजेस चल रहे हैं !भद्रावती शहर में उन्होंने हाल ही में अपना पहला मेडिकल नर्सिंग होम 2020 में शुरू किया है, जिसका नाम सोमय्या आयुर्वेदिक मेडिकल नर्सिंग होम है ! अगले साल 2021 में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देना भी शुरू हो जाएगा ! श्री .पांडुरंग आंबटकरजी का जो भी आज साम्राज्य है ,वह सिर्फ और सिर्फ उनकी *मेहनत और लगन की वजह से है इतना कुछ हासिल करने के बावजूद आज भी “श्री. *पांडुरंग आंबटकरजी जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति माने जाते हैं* ।”उन्होंने हमेशा अपने परिवार का साथ लेकर ही सभी काम किए  हैं ! वह इन सभी कर्तव्यों को निभाने के साथ-साथ अपना पति का कर्तव्य ,पिता का कर्तव्य को बखूबी निभाया है !श्री. *पांडुरंग आंबटकरजी इन के वजह से आज करीब 500 परिवारों को रोजगार मिल रहा है* !औऱ  *करीब करीब 10,000 विद्यार्थियों को उनके शाखाओं में शिक्षा दी जा रही है !*  सबसे पहले ऐसे महान व्यक्ति को सलाम जो खुद की पढ़ाई को अपने विद्यार्थियों मे देखने का जज्बा रखते हुवे आगे बढाते गये!

श्री. पांडुरंगजी आंबटकर इनका हमेशा से यही मानना रहा है कि” अन्नदान से बढ़कर कोई भी दान नहीं हो सकता ।  इसे अपना कर्तव्य समझते हुए श्री पांडुरंग जी आंबेडकर ने *कोरोना जैसी महामारी* में कई जरूरतमंदो  तथा गरीब परिवारों *को सुबह 500 और शाम में 500 लोगों खुद उनके पास जाकर उन्हें अपना समझकर उन्हें अन्नदान सुबह- शाम किया करते थे*  ! काम को अहमियत देने वाले श्री . पांडुरंग आंबटकरजी के विषय मे  जितना भी लिखना चाहोगे उतना कम होगा क्योंकि ,इनकी उपलब्धियो की लिस्ट कभी खत्म ही नही होगी । इसलिए,

आज  दिनांक 5 डिसें 2020 को श्री .पांडुरंग आंबटकरजी 61 साल के हो चुके हैं उनका यही कहना है कि ” मैं जब तक जीवित हूं, तब तक मैं लोगों की सेवा ऐसे ही करता रहूंगा !”

       अंत मे मैं एक ही कहूंगा ,”

               🙏 सेवा ही परमधर्म 🙏

Facebook Page

LIVE Cricket

लाइव कैलेंडर

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

LIVE FM सुनें

Polls

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...
error: Content is protected !!